“भारत का भविष्य और वहनीयता की अनिवार्यता”

 


नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को छात्रों को संबोधित करते हुए देश की सबसे बड़ी जरूरत को रेखांकित किया—वहनीयता। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यह अब सिर्फ एक आदर्श नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक अनिवार्यता है। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय दीक्षांत समारोह 2025 में उन्होंने जलवायु संकट के खतरों पर चेताया और उद्योग जगत से स्पष्ट आग्रह किया कि सिर्फ मुनाफा नहीं, बल्कि प्रकृति और समाज के प्रति जिम्मेदारी भी अनिवार्य हो।
राष्ट्रपति ने कॉस्ट अकाउंटिंग के छात्रों को ‘डेटा आधारित जिम्मेदार नेतृत्व’ की दिशा में काम करने की प्रेरणा दी। साथ ही वित्तीय जवाबदेही को अब पर्यावरण और सामाजिक आयामों से जोड़ने की बात कही। इस मंच से कॉर्पोरेट मामलों की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने भी नवाचार और तकनीकी तत्परता की बात कर युवा पेशेवरों को भविष्य के लिए तैयार रहने को कहा।

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