भोपाल/जबलपुर. देश भर में चर्चित एमपी के सिवनी हवाला लूट मामले में डीजीपी कैलाश मकवाना ने सख्त कार्रवाई करते हुए एसडीओपी पूजा पांडे सहित सभी 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. एफआईआर डकैती, अवैध रूप से रोकना, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र के तहत दर्ज की गई है.
उल्लेखनीय है कि सिवनी पुलिस पर आरोप लगा था कि नागपुर के व्यक्ति के पास से मिले 3 करोड़ रुपए पुलिस द्वारा जप्त किए गए थे. चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि पुलिस द्वारा केवल 1 करोड़ 45 लाख रुपए की जब्ती दिखाई गई. न ही किसी को आरोपी बनाया गया और न ही किसी पर कार्यवाही की गई. गौर करने वाली बात यह भी सामने आई थी कि मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं दी गई थी. 9 अक्टूबर को मामला सामने आने के बाद, आईजी वर्मा द्वारा थाना प्रभारी सहित कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद 10 अक्टूबर को डीजीपी कैलाश मकवाना ने एसडीओपी पूजा पांडे को भी सस्पेंड कर दिया.
देश भर में एमपी पुलिस की छवि हुई धूमिल
खराब हो रही पुलिस की छवि और लूट के इस मामले की जांच के लिए पुलिस के संदिग्ध आचरण की जांच जबलपुर एसएसपी को सौंपी गई. जांच के बाद रिपोर्ट डीजीपी के सामने पेश की गई, जिसके बाद आज स्ष्ठह्रक्क, थाना प्रभारी सहित 11 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
हवाला कारोबारी- पुलिस की डील हुई थी फेल
सिवनी पुलिस लूट कांड में एक और बात जो सामने निकलकर आई, वह यह थी कि पुलिस और हवाला कारोबारी के बीच काफी समय तक डील की बात भी चली. डील में पुलिस द्वारा आधे-आधे पैसे यानी डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए बांटने की बात की गई, जबकि हवाला व्यापारी द्वारा 45 लाख रुपए देकर सेटलमेंट करने की बात कही गई. जब डील सेटल नहीं हुई, तब मामला उजागर हुआ.
इस मामले में अपराधियों के खिलाफ
बीएनएस की धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण, 61(2) आपराधिक षडयंत्र के अंतर्गत दर्ज किया गया है
