अहमदाबाद. गुजरात के अहमदाबाद में मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को एक चौंकाने वाली घटना घटी, जब एक व्यक्ति ने सत्र न्यायालय में फैसले से नाराज होकर अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश पर जूता फेंक दिया। यह घटना भद्रा कोर्ट परिसर में हुई, जहां न्यायाधीश ने 1997 के एक मारपीट मामले में चार आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। इस फैसले से नाराज होकर अपीलकर्ता ने अदालत कक्ष में आक्रोशित होकर जूता फेंका। हालांकि, न्यायाधीश ने संयम का परिचय देते हुए आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया, लेकिन न्यायाधीश के निर्देश पर उसे छोड़ दिया गया।
हालांकि, न्यायाधीश ने संयम बरता और इस घटना को लेकर कर्मचारियों को शख्स के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया. इस हमले की गुजरात न्यायिक सेवा संघ ने कड़ी निंदा की है. इसे न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है और तत्काल सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.
इस घटना के बाद गुजरात न्यायिक सेवा संघ ने एक प्रस्ताव जारी कर इसकी कड़ी निंदा की और अदालतों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। संघ ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा पर हमला बताते हुए कहा कि ऐसे कृत्य लोकतंत्र और न्याय की नींव को कमजोर करते हैं। संघ ने राज्य सरकार, गृह विभाग, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से अदालतों और न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए तत्काल और कड़े कदम उठाने की अपील की है।
यह घटना सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर 6 अक्टूबर को हुए हमले के कुछ दिनों बाद हुई है, जिससे न्यायपालिका की सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है।
