जबलपुर | पनागर नगर में सराफा व्यापारी के साथ हुई लूट और हत्या के प्रयास की सनसनीखेज वारदात को तेरह दिन बीत जाने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से व्यापारियों और आम नागरिकों का सब्र जवाब दे गया। नगर व्यापारी संघ और सराफा व्यापारी संघ के संयुक्त नेतृत्व में सैकड़ों व्यापारियों व नागरिकों ने एक विशाल मशाल जुलूस निकालकर अपना आक्रोश सड़कों पर उतार दिया। हाथों में जलती मशालें और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए लोग कमानिया गेट से पनागर थाना तक पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
जानकारी के अनुसार नगर के एक प्रतिष्ठित सराफा व्यापारी के साथ लगभग तेरह दिन पूर्व लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था, जिसमें बदमाशों ने न केवल कीमती आभूषण लूटे, बल्कि व्यापारी पर जानलेवा हमला भी किया। घटना के बाद से ही व्यापारियों में भय और असंतोष का माहौल बना हुआ है। शुरुआती दिनों में पुलिस द्वारा जल्द खुलासे का भरोसा दिया गया था, लेकिन समय बीतने के साथ जब कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई तो व्यापारियों का आक्रोश बढ़ता चला गया। शाम जैसे ही अंधेरा घिरा, पनागर के कमानिया गेट पर बड़ी संख्या में व्यापारी, सराफा कारोबारी और आम नागरिक एकत्रित होने लगे। सभी के हाथों में मशालें थीं, जो न केवल रोशनी दे रही थीं बल्कि पुलिस प्रशासन के प्रति पनप रहे असंतोष की प्रतीक भी बन गई थीं। जुलूस जैसे ही नगर की मुख्य सड़कों से होकर गुजरा, माहौल पूरी तरह आक्रोशमय हो गया। लोग कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। व्यापारियों का कहना था कि पनागर जैसे शांत नगर में इस तरह की वारदात और फिर आरोपियों का खुलेआम घूमते रहना पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि घटना किसी बड़े शहर में हुई होती तो अब तक आरोपी सलाखों के पीछे होते। व्यापारियों ने यह भी कहा कि सराफा व्यापारी के साथ लूट की घटना ने पूरे व्यापारिक समुदाय को असुरक्षित महसूस कराने का काम किया है। मशाल जुलूस जब पनागर थाने पहुंचा तो वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। जुलूस के शांतिपूर्ण लेकिन आक्रोशपूर्ण स्वरूप को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। इसके बाद व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में साफ तौर पर उल्लेख किया गया कि यदि शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई तो व्यापारी वर्ग और आम जनता और भी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि लूट की घटना के बाद से व्यापारी अपने प्रतिष्ठान खोलने और देर रात तक काम करने से डर रहे हैं। सराफा कारोबार से जुड़े लोग विशेष रूप से असुरक्षा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास कीमती सामान होता है और वे अपराधियों के आसान निशाने बन सकते हैं। व्यापारियों ने मांग की कि नगर में नियमित पुलिस गश्त बढ़ाई जाए, रात के समय विशेष निगरानी रखी जाए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मशाल जुलूस में शामिल कई व्यापारियों और नागरिकों ने कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर किया गया है। उनका कहना था कि यदि समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए तो अपराधियों के हौसले और बुलंद होंगे। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पनागर में पिछले कुछ समय से चोरी और लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रह जाती है। थाना परिसर में जमा लोगों को संबोधित करते हुए व्यापारी संघ के नेताओं ने कहा कि वे कानून का सम्मान करते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं, लेकिन लगातार अनदेखी से मजबूर होकर उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आने वाले दिनों में भी कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया तो वे बाजार बंद और बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
