“मां का आँचल अब नशे की थैली बन गया — कलयुगी मां बच्चों को बना रही थी ड्रग डीलर”

 

एक समय था जब मां अपने बच्चों को बुरी संगति से दूर रखती थी। पर आज वो मां ही अपने बच्चों को अपराध की गहराइयों में धकेल रही है।


राजिंदर कौर — एक मां, जिसने जीवन देने की बजाय जहर बेचने का रास्ता चुना। बेटा और बेटी — दोनों स्कूटी पर हेरोइन लेकर घूम रहे थे। उन्हें पता था कि ये कानून के खिलाफ है, मगर ये भी जानते थे कि मां पीछे से सब संभाल लेगी।

ये घटना सिर्फ एक ‘केस फाइल’ नहीं — ये समाज के नैतिक पतन का आइना है। यहां पारिवारिक बंधन नहीं, पैसे की हवस में डूबा एक घरेलू ड्रग रैकेट फल-फूल रहा था।

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