पनागर का ऐतिहासिक कमानिया गेट ध्वस्त, राजमार्ग के चौड़ीकरण में बलिदान हुआ सदियों पुराना इतिहास

 

जबलपुर. पनागर कस्बे के इतिहास और पहचान का प्रतीक रहे ऐतिहासिक कमानिया गेट को शुक्रवार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. राष्ट्रीय राजमार्ग-7 के चौड़ीकरण के रास्ते में बाधा बन रहे इस सदियों पुराने पुरातात्विक महत्व के ढांचे को गिराने की कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में तनाव का माहौल रहा, जिसके चलते मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.

पनागर का कमानिया गेट न केवल एक ढाँचा था, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए पहचान, विरासत और इतिहास का एक अटूट हिस्सा था. यह गेट पनागर के पुराने नगर में प्रवेश का मुख्य द्वार माना जाता था और वर्षों से कस्बा वासियों की आस्था और गौरव का केंद्र रहा है. लंबे समय से इस गेट को बचाने या इसे स्थानांतरित करने की मांग की जा रही थी, लेकिन प्रशासनिक और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तकनीकी मजबूरियों के सामने यह मांग टिक नहीं पाई.

प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की टीम द्वारा सुबह होते ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई.

भारी पुलिस बल: किसी भी तरह के विरोध या कानून-व्यवस्था की समस्या को टालने के लिए भारी संख्या में पुलिस दल को मौके पर तैनात किया गया था. पुलिस ने गेट के आस-पास बैरिकेडिंग कर दी थी, ताकि स्थानीय लोग कार्रवाई में बाधा न डाल सकें.

प्रशासन ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-7  का चौड़ीकरण एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है, जो जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने के लिए जरूरी है. यह गेट सड़क के मुख्य संरेखण में बाधा उत्पन्न कर रहा था, जिसके कारण इसे हटाना अनिवार्य हो गया था.

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान, स्थानीय लोगों के विरोध और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए, प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण आश्वासन दिया है. वायरल वीडियो और स्थानीय सूत्रों के अनुसार:

प्रशासन और संबंधित विभागों ने स्थानीय जनता को आश्वासन दिया है कि ऐतिहासिक कमानिया गेट को ध्वस्त जरूर किया गया है, लेकिन इसे उसी स्थान से कुछ दूरी पर, या निकट के किसी सुरक्षित स्थान पर पुनः स्थापित किया जाएगा.

 इस पुनर्स्थापन का उद्देश्य आधुनिक विकास की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पनागर की ऐतिहासिक विरासत और पहचान को भी बचाए रखना है.

स्थानीय लोगों की भावनाएं इस घटना से आहत हुई हैं, लेकिन प्रशासन के पुनर्स्थापन के आश्वासन ने उन्हें कुछ राहत दी है. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस ऐतिहासिक गेट को किस तरह और कितनी जल्दी पुनः स्थापित किया जाता है.

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