प्राचार्य के खिलाफ एकलव्य स्कूल के छात्रों ने खोला मोर्चा, छात्रावास का ताला तोड़कर कलेक्टर ने मिलने पैदल निकले

 

जबलपुर। एमपी के जबलपुर में रामपुर स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढऩे वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए क्लास का बहिष्कार किया और बिना बताए कलेक्टर से मिलने पैदल ही निकल पड़े। करीब दो किलोमीटर दूर जैसे ही स्थानीय लोगों की नजर छात्रों पर पड़ी तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। 
                        खबर मिलते ही मौके पर पहुंंची पुलिस ने छात्रों से कारण पूछा तो बातें अनसुनी करते हुए आगे के लिए रवाना हो गए। जानकारी कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को मौके पर भेजकर बात सुनकर कार्रवाई के निर्देश दिए। स्कूली छात्र-छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लिए कार्रवाई की बात कही है। अधिकारियों की समझाइश पर बच्चें वापस छात्रावास के लिए रवाना हो गए। इधर छात्रों के विरोध के पहले ही प्राचार्या अविनाश रानी छुट्टी पर चली गई। गौरतलब है कि एकलव्य आवासीय छात्रावास में छात्र-छात्राएं रहते हैं। आरोप हैं कि अधीक्षक और प्राचार्य न सिर्फ उनसे अभद्रता करती है, बल्कि जातिसूचक शब्द भी कहते हैं। कई बार टीचर की बातों को इग्नोर किया गया, लेकिन जब बात हद से बढ़ गई तो अधिकारियों से भी कहा गया। आखिरकार किसी ने बात नहीं सुनी तो आज दोपहर को सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने छात्रावास का ताला तोड़कर कलेक्टर कार्यालय की और कूच कर दिया।
प्राचार्य को हटाया नहीं गया तो प्रदर्शन जारी रहेगा-
छात्राओं का कहना है कि जब तक प्राचार्य को हटाया नहीं जाता हैए तब तक छात्र इसी तरह से प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि जब कभी परिजन मिलने आते हैं तो उनसे भी अभद्रता करती हैं। स्कूल में प्यून और अन्य कर्मचारी होने के बाद भी हमसे बाथरूम, नाली साफ कराई जाती है। छात्राओं ने कहा कि जो भी छात्र-छात्राएं प्राचार्य की बता नहीं मानते हैं, उनके साथ मारपीट की जाती है। बार-बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रावास का ताला तोड़ा और कलेक्टर से मिलने रवाना हो गए।
रास्ते पर महिला प्राचार्य के खिलाफ की नारेबाजी-
महिला प्राचार्य अविनाश रानी के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाते हुए सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया। छात्र अनिल बैगा का कहना है कि जब परिवार वाले मिलने आते हैं, तो उनसे भी अभद्रता करती हैं। छात्र ने बताया कि इससे पहले गीता साहू प्राचार्य थीं, वह भी इसी तरह की हरकत करती थीं। प्रशासन ने गीता साहू को हटाने की वजह अविनाश रानी को पदस्थ कर दिया।

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