गांव की गलियां खामोश हैं। हवेलियां गांव में 23 जून को जो हुआ, उसने हर घर को सोचने पर मजबूर कर दिया। मेहनतकश परिवार की बेटी संजना, जिसने अपनी जिंदगी को रिश्तों में झोंक दिया, वो फंदे पर झूल गई।
गांव वालों की मानें तो संजना हमेशा शांत रहती थी। लेकिन अंदर ही अंदर वो घुटती रही। पड़ोसन कमला देवी बताती हैं, “बच्चा नहीं होने पर उसे कुछ लोग ताने देते थे, लेकिन उसने कभी कुछ नहीं कहा।”
गांव की औरतों में रोष है, "अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।"
Tags
national