राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत की
‘75 की उम्र में शॉल देकर विदा करने’—ने भाजपा के भीतर एक अनकही बहस को सार्वजनिक कर दिया है।
इस बयान के तुरंत बाद मध्यप्रदेश के बुजुर्ग नेता रामकृष्ण कुसमारिया ने जो तीखी प्रतिक्रिया दी, वह पार्टी के भीतर असंतोष की आग का इशारा करती है।
कुसमारिया ने तीखा तंज करते हुए कहा, "बुजुर्गों को साथ लो, सलाह लो। हम कोई कमजोर नहीं हैं।"
यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में कई विधायक 75 की दहलीज पार कर चुके हैं या पहुंचने वाले हैं। अब सवाल उठता है: क्या भाजपा एक 'युवा वर्चस्ववादी संगठन' बन रही है?
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