"मुख्यमंत्री का ‘मनोवैज्ञानिक अभियान’, नशा नहीं चेतना का प्रश्न"

 राजनीति के गलियारों में अक्सर विकास के मुद्दे गूंजते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इस बार नशा मुक्ति को अभियान बनाकर एक नई चेतना की ओर संकेत दिया गया है।



यह वही राज्य है जहां चुनावी मंचों पर युवा सशक्तिकरण की बात होती है और अब वही युवा 'नशे से दूरी' के पोस्टरों में मुख्य किरदार हैं।

मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान का चेहरा बने। उनका संदेश — "हमारा है यही संदेश, नशा मुक्त हो मध्यप्रदेश" — राजनीतिक भाषण नहीं, बल्कि सामाजिक आग्रह है।



अभियान में भाग लेने वाली संस्थाएं जैसे गायत्री परिवार, ब्रह्माकुमारी, आर्ट ऑफ लिविंग — यह दिखाता है कि सरकार ने धार्मिक, सामाजिक और मानसिक उपचार को भी रणनीति में जोड़ा है।

राज्य की पुलिस, समाज कल्याण, और शिक्षा विभाग ने यह दिखा दिया है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो सामाजिक बदलाव संभव है।

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