सागर. एमपी के सागर में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से विस्थापित हुए गरीब परिवारों को मुआवश्जा में मिले 1.28 करोड़ रुपए एचडीएफसी बैंक के तीन कर्मचारियों ने हड़प लिए. इस मामले में एचडीएफसी बैंक की रहली शाखा के तीन तत्कालीन कर्मचारियों पर 26 खाताधारकों के खातों से यह रकम हड़पने का आरोप है. इस मामले में बैंक प्रबंधन द्वारा की गई शिकायत के बाद आज पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है. मामले में अभी और भी खातों की जांच चल रही है, जिससे घोटाले की रकम बढऩे की आशंका है.
खबर है कि वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से विस्थापित किए जा रहे परिवारों के लिए सरकार ने मुआवजा राशि देने के लिए एचडीएफसी बैंक की रहली शाखा में खाते खुलवाए थे. जब इन खातों में मुआवजा राशि भेजी गई तो बैंक के कर्मचारियों ने विस्थापितों की बिना अनुमति के एफडी करने के नाम पर उनकी बीमा पॉलिसी कर दीं. यहां तक कि कई लोगों से खाली चेक लेकर रुपए निकाल लिए गए. धोखाधड़ी का खुलासा उस वक्त हुआ है.
जब जब विस्थापित लोग रुपए निकालने बैंक पहुंचे तो पता चला कि उनके खातों में तो रुपया है ही नही. विस्थापितों के साथ की गई धोखाधड़ी सामने आने पर एसडीएम रहली व लीड बैंक प्रबंधक ने जांच कराई. कलेक्टर संदीप जीआर को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में 26 खाताधारकों के खातों से 1 करोड़ 28 लाख 70 हजार रुपए की हेराफेरी की पुष्टि हुई. इसके बाद एचडीएफसी बैंक के हेड क्लस्टर ऑफिसर प्रभात सक्सेना ने रहली थाने में शिकायत की. जिसपर आधार पर पुलिस ने तत्कालीन कर्मचारी नितिन द्विवेदी, कार्तिक नायडू व राहुल भट्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
