भारतीय सेना ने सक्शम एंटी ड्रोन ग्रिड शुरू कर वायु रक्षा को मजबूत किया


 नई दिल्ली. भारतीय सेना ने देश के सामरिक बल और हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक नई प्रणाली ‘सक्शम’ काउंटर अनमैनड एरियल सिस्टम (UAS) ग्रिड शुरू की है. यह प्रणाली भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी BEL द्वारा विकसित की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन ड्रोन और अनमैनड हवाई वाहनों का पता लगाना, उन्हें ट्रैक करना और प्रभावहीन बनाना है. सक्शम ग्रिड सैनिकों को युद्ध क्षेत्र में पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करने में सक्षम बनाएगा, जिससे मित्रवत हवाई साधनों की स्वतंत्र गति संभव होगी और शत्रु की हरकतों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी.

सक्शम प्रणाली का डिज़ाइन विशेष रूप से वास्तविक समय में दुश्मन ड्रोन का पता लगाने, उनका विश्लेषण करने और उन्हें नष्ट करने के लिए किया गया है. यह आधुनिक तकनीक जमीन पर तैनात बलों को आकाश में किसी भी संभावित खतरे का त्वरित जवाब देने में मदद करेगी. सेना अधिकारियों के अनुसार, इस प्रणाली की मदद से युद्धक्षेत्र में हवाई स्थिति पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित होगा और मित्रवत एरियल साधनों की गतिशीलता सुरक्षित रहेगी.

इस प्रणाली में हाई-टेक सेंसर और रडार तकनीक का उपयोग किया गया है जो असामान्य हवाई गतिविधियों का तुरंत पता लगा सकती है. इसके अलावा, सक्शम ग्रिड दुश्मन ड्रोन के नियंत्रण संकेतों को बाधित करके उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है. इससे न केवल सैनिकों की सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि सामरिक ऑपरेशन की सफलता की संभावना भी बढ़ जाती है. भारतीय सेना का मानना है कि यह कदम शत्रु की हवाई ताकत को सीमित करने और सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.

सक्शम ग्रिड को सेना के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा और इसे विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों, संवेदनशील सैन्य ठिकानों और उच्च सुरक्षा वाले ऑपरेशन क्षेत्रों में लागू किया जाएगा. सेना के अधिकारी बताते हैं कि यह प्रणाली भारतीय सेना को युद्ध क्षेत्र में हवाई नियंत्रण के नए मानक स्थापित करने में सक्षम बनाएगी. BEL के अधिकारी भी मानते हैं कि सक्शम तकनीक रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक युद्ध में ड्रोन और अनमैनड हवाई वाहन तेजी से बढ़ते खतरे के रूप में उभर रहे हैं. किसी भी समय छोटे और तेज़ हवाई साधन सीमाओं में घुसपैठ कर सकते हैं और सैनिकों की जानकारी और संसाधनों को नुकसान पहुँचा सकते हैं. सक्शम ग्रिड इन्हीं खतरों से निपटने के लिए विकसित किया गया है. इस तकनीक की मदद से भारतीय सेना को न केवल आक्रामक कार्रवाई की क्षमता मिलेगी, बल्कि यह मित्रवत हवाई साधनों की गतिविधियों को भी सुरक्षित बनाएगी.

सक्शम ग्रिड का संचालन सैनिकों को एक केंद्रीकृत नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा. यह प्रणाली विभिन्न सेंसर, रडार और निगरानी उपकरणों के माध्यम से वास्तविक समय में डेटा एकत्रित करेगी और ऑपरेशनल कमांड सेंटर को तत्काल जानकारी उपलब्ध कराएगी. इससे कमांडरों को सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी और युद्धक्षेत्र में हवाई नियंत्रण को सुदृढ़ किया जा सकेगा.

BEL के अधिकारी ने बताया कि सक्शम ग्रिड को भारतीय सेना की विशिष्ट जरूरतों और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है. यह प्रणाली मोबाइल और स्थिर दोनों प्रकार के ऑपरेशन में सक्षम है, जिससे इसे विभिन्न प्रकार के सैन्य अभियानों में आसानी से तैनात किया जा सकता है. इसके अलावा, सक्शम प्रणाली की तकनीक भविष्य में अपग्रेड और नई क्षमताओं के साथ और अधिक प्रभावी बनाई जा सकेगी.

सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि सक्शम एंटी ड्रोन ग्रिड से भारतीय सेना को आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी. यह प्रणाली न केवल सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि भारत को हवाई खतरे से बचाने की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित होगी. इसके साथ ही, यह तकनीक देश के रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादन और उन्नत तकनीक के इस्तेमाल का भी उदाहरण है.

भारतीय सेना की यह पहल यह दर्शाती है कि आधुनिक युद्ध में तकनीक की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है. जैसे-जैसे हवाई खतरे बढ़ रहे हैं, सेना को इनसे निपटने के लिए नवीनतम और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है. सक्शम ग्रिड इसी दिशा में एक अहम कदम है, जो सेना की हवाई रक्षा क्षमताओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा.

BEL द्वारा विकसित यह प्रणाली केवल सैनिकों की सुरक्षा नहीं बढ़ाएगी, बल्कि युद्ध रणनीति में भी बदलाव लाएगी. इसका उपयोग भविष्य में सीमा सुरक्षा, आक्रामक और रक्षात्मक अभियानों दोनों में किया जा सकता है. भारतीय सेना के अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि सक्शम ग्रिड के संचालन से सामरिक हवाई नियंत्रण में सुधार होगा और युद्धक्षेत्र में मित्रवत साधनों की गतिविधियों को अधिक लचीला बनाया जा सकेगा.

इस नई तकनीक के माध्यम से भारत न केवल अपने सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, बल्कि विश्व स्तर पर आधुनिक रक्षा तकनीक के क्षेत्र में भी अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर रहा है. सक्शम एंटी ड्रोन ग्रिड आधुनिक युद्ध की मांगों के अनुसार तैयार की गई प्रणाली है और यह भारतीय सेना को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगी.

सक्शम ग्रिड का शुभारंभ भारतीय सेना के लिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस प्रणाली के माध्यम से सेना को हवाई सुरक्षा में सुधार, सामरिक नियंत्रण में वृद्धि और युद्धक्षेत्र में उच्च तकनीक का लाभ मिलेगा. यह कदम भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी में एक नई मिसाल स्थापित करेगा और सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता को और सशक्त बनाएगा.

इस प्रकार सक्शम एंटी ड्रोन ग्रिड भारतीय सेना के लिए सिर्फ एक तकनीकी उपकरण नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा, सामरिक श्रेष्ठता और आधुनिक युद्ध क्षमता का प्रतीक बन गया है. इसके संचालन से भारतीय सेना को भविष्य में किसी भी हवाई खतरे का सामना करने और युद्ध क्षेत्र में पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने में मदद मिलेगी.

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