इंदौर-दिल्ली ट्रेन में हंगामा — महिला ने कहा "मेरा पर्स दो, बात खत्म" और तोड़ दिया कोच का शीशा!

 


इंदौर: इंदौर से दिल्ली जा रही यात्री ट्रेन में बुधवार को एक महिला यात्री ने गुस्से में आकर ट्रेन के एसी कोच की खिड़की का शीशा तोड़ दिया। महिला का आरोप है कि यात्रा के दौरान उसका पर्स चोरी हो गया और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) से शिकायत करने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें महिला के आक्रोश और यात्रियों की हैरानी साफ दिखाई दे रही है।

वीडियो में महिला अपने छोटे बच्चे के साथ सीट पर बैठी नजर आती है। उसके पास एक ट्रे है, जिससे वह बार-बार खिड़की का शीशा तोड़ती है। जैसे-जैसे शीशे के टुकड़े गिरते हैं, आसपास बैठे यात्री और बाहर खड़े रेलवे कर्मचारी असहाय होकर यह दृश्य देखते रहते हैं। महिला गुस्से में चिल्लाती है – “मेरा पर्स दो, बात खत्म।” यह वाक्य अब सोशल मीडिया पर गूंज बन चुका है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना इंदौर-दिल्ली पैसेंजर ट्रेन के एसी कोच में हुई। ट्रेन जब उज्जैन और कोटा के बीच थी, तब महिला ने बताया कि उसका पर्स गायब हो गया है। उसमें नकदी, मोबाइल और कुछ जरूरी दस्तावेज थे। महिला ने तुरंत आरपीएफ कर्मियों को शिकायत दी, लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया।

लगातार अनदेखी से परेशान होकर उसने गुस्से में शीशा तोड़ दिया। वीडियो में दिख रहा है कि वह बार-बार कहती है कि “मेरा पर्स दो, बस बात खत्म” और उसके हाथों से खून निकलने लगता है। वहीं, बच्चे को गोद में बैठाए वह पूरी तरह नियंत्रण खो देती है।

रेलवे कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन महिला ने कहा कि जब तक उसका सामान नहीं मिलेगा, वह शांत नहीं होगी। कोच में मौजूद यात्रियों ने इस दौरान अफरातफरी का माहौल बताया। किसी ने यह दृश्य रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद वीडियो तेजी से वायरल हो गया।

इस वायरल वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं। एक वर्ग का कहना है कि महिला का गुस्सा जायज़ था क्योंकि उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने लिखा कि “अगर पुलिस और सुरक्षा बल समय पर मदद करते, तो उसे इस हद तक नहीं जाना पड़ता।” वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि गुस्से में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अपराध है और इससे समस्या हल नहीं होती।

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस घटना में बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। वीडियो में देखा जा सकता है कि कांच टूटने के दौरान बच्चे के पास कांच के टुकड़े गिर रहे थे, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना का खतरा हो सकता था। एक यूजर ने लिखा, “मां की बेबसी समझी जा सकती है, लेकिन बच्चा बीच में था, यह बहुत खतरनाक था।”

रेलवे सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद महिला को शांत कराया गया और उसे अगले स्टेशन पर अधिकारियों ने रोका। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसका पर्स मिला या नहीं। आरपीएफ अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

घटना के बाद से रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन शिकायत करने पर अक्सर यात्रियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। कई यात्रियों ने लिखा कि “RPF सिर्फ कागज़ी काम करती है, जमीनी कार्रवाई नहीं।”

वहीं, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर संबंधित कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि यात्री सुरक्षा के लिए कोचों में अतिरिक्त निगरानी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

सोशल मीडिया पर इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई बहस छेड़ दी है। कुछ लोगों ने कहा कि महिला का गुस्सा व्यवस्था की विफलता की निशानी है, जबकि दूसरों का मानना है कि हिंसक प्रतिक्रिया किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती।

इंदौर-दिल्ली मार्ग पर चलने वाली इस ट्रेन में सुरक्षा के इंतजामों की कमी पहले भी उठती रही है। यात्रियों ने बताया कि कई बार पर्स, मोबाइल और बैग चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में अपराधी पकड़ में नहीं आते।

इस घटना ने न सिर्फ रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि असहायता और लापरवाही का मेल किस तरह किसी आम यात्री को चरम कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है। फिलहाल महिला और उसके बच्चे की हालत सुरक्षित बताई जा रही है, लेकिन “मेरा पर्स दो, बात खत्म” वाला यह वाक्य अब आम यात्रियों की बेबसी की प्रतीक बन चुका है।

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