रायपुर, 13 अक्टूबर. मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के स्कूलों में ड्रॉपआउट दर को कम कर Gross Enrolment Ratio (GER) को 100 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल में बनाए रखने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्थानीय भाषा और बोली का अधिकतम उपयोग किया जाए.
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग को समन्वय कर सभी बालवाड़ियों को सक्रिय करने का निर्देश भी दिया. उन्होंने चेताया कि बच्चों के लिए वितरित की जाने वाली शिक्षण सामग्री केवल अलमारियों में बंद न रहे, बल्कि उसका उपयोग सीधे बच्चों की पढ़ाई में किया जाए.
बीजापुर मॉडल की तारीफ़
मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले की पहल की सराहना की, जहां स्थानीय युवाओं की सेवाएं लेकर बच्चों को गोंडी भाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 1 से 5 तक गोंडी में पढ़ाई के कारण बच्चों की उपस्थिति में बढ़ोतरी हुई है और ड्रॉपआउट दर में उल्लेखनीय कमी आई है. उन्होंने इस मॉडल को अन्य आदिवासी बहुल जिलों में भी लागू करने की सलाह दी.
Apar ID बनाना अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 31 दिसंबर 2025 तक प्रदेश के सभी स्कूली विद्यार्थियों के आधार-आधारित “Apar ID” अनिवार्य रूप से बनाए जाएं. इससे छात्रों की शैक्षणिक प्रगति, उपस्थिति और अन्य शैक्षिक योजनाओं की निगरानी में पारदर्शिता और कुशलता आएगी.
बैठक में स्कूलों की भौतिक स्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, आधारभूत संरचना, छात्रवृत्ति वितरण और डिजिटल शिक्षा की उपलब्धता जैसे बिंदुओं की भी विस्तार से समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री ने सभी ज़िलों के शिक्षा अधिकारियों को समयबद्ध लक्ष्य निर्धारण और सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं. सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और हर बच्चा अपनी मातृभाषा में आत्मविश्वास से सीख सके.
