कर चोरी की संस्कृति या सिस्टम की विफलता? 2.23 लाख करोड़ की चोरी के पीछे की कहानी



नई दिल्ली:
जब कर चोरी 1 लाख करोड़ से बढ़कर 2.23 लाख करोड़ तक पहुंच जाए, तो सवाल उठता है — गलती जनता की है या व्यवस्था की?

CBIC ने जीएसटी चोरी पकड़ने में भले ही बड़ी सफलता पाई हो, लेकिन यह आंकड़ा भी यह दर्शाता है कि व्यवसायों और व्यापारियों के बीच कर प्रणाली को लेकर अब भी भ्रम, भय और अविश्वास कायम है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि टैक्स चोरी केवल लालच का परिणाम नहीं होती, बल्कि जटिल प्रक्रियाओं, रिफंड में देरी, या डिजिटल सिस्टम में भरोसे की कमी इसका कारण बनते हैं।

इसलिए सीतारमण का जोर केवल पकड़ पर नहीं, बल्कि पंजीकरण सुधार, संवाद और शिकायत निवारण पर है — ताकि एक "अधिनायकात्मक कर तंत्र नहीं, साझेदार कर संस्कृति" विकसित हो सके।

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