ईरान-इस्राइल संघर्ष की लपटों ने मध्य-पूर्व की रणनीतिक सरंचनाओं को फिर से परिभाषित करना शुरू कर दिया है। इस उथल-पुथल में तुर्किये ने अपनी सैन्य क्षमता को नए सिरे से गढ़ने का संकल्प लिया है। राष्ट्रपति एर्दोआन ने स्पष्ट किया है कि देश की मिसाइल रक्षा प्रणाली को ऐसा रूप दिया जाएगा कि कोई दुश्मन आँख उठाने की हिम्मत न करे।
तथ्य यह है कि नाटो में दूसरे सबसे बड़े सैनिक बल के बावजूद, तुर्किये की एयर डिफेंस में वर्षों से दरार रही है। अब जबकि ईरान और इस्राइल आमने-सामने हैं, एर्दोआन घरेलू समर्थन और क्षेत्रीय संतुलन दोनों को साधने की कोशिश में हैं।
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