34 साल की सुनीता अकेली थी, विधवा थी और अपने बेटे के साथ जीवन संवारने की कोशिश कर रही थी। इंस्टाग्राम पर हुई दोस्ती ने उसे सहारा दिया, लेकिन उसी भरोसे ने उसकी और मासूम बेटे की जान ले ली।
महिला से शादी का झूठा वादा करने वाले छत्रपाल ने उसके मना करने पर हत्या कर दी। यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस को जन्म देता है।
क्या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर किसी से जुड़ना अब खतरनाक बन चुका है? क्या समाज और तंत्र महिलाओं को भरोसे से जीने की आज़ादी नहीं दे पा रहा?
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