जब बारिश जीवनदायिनी नहीं, जीवनहरण हो जाए, तब समझिए हिमाचल की स्थिति कैसी होगी। 34 मौतें केवल आंकड़े नहीं, यह उस पीड़ा का दस्तावेज हैं जो पहाड़ की तलहटी में बसे लोगों की जिंदगी को हर साल तोड़ते हैं। सरकार हर बार कहती है "तत्काल राहत", लेकिन स्थायी समाधान की ओर कदम कब?
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