सुईया गांव में रविवार की शाम एक अप्रत्याशित संकट की घड़ी आन पड़ी, जब वर्षों पुराना पीपल का पेड़ अचानक धराशायी हो गया। पेड़ गिरने से 10 लोग इसकी चपेट में आ गए, लेकिन गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। स्थानीय युवाओं ने बिना किसी ट्रेनिंग के जो तत्परता दिखाई, वह काबिल-ए-तारीफ है। चंद मिनटों में रेस्क्यू शुरू कर दिया गया। प्रशासन ने तत्परता दिखाई और मुख्य मार्ग से पेड़ हटाकर यातायात सामान्य किया। यह हादसा चेतावनी भी है — ऐसे पुराने पेड़ों की समय रहते जांच होनी चाहिए।
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