हाथरस में मानवता को शर्मसार करती घटना: मंदिर के पास साध्वी की निर्मम हत्या, साथी साधु फरार


भक्ति और त्याग की धरती पर उस समय सन्नाटा पसर गया जब भैरव मंदिर के पास रहने वाली बुजुर्ग साध्वी रेखा देवी की नृशंस हत्या की खबर फैली। मंगलवार सुबह मंदिर दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु तब स्तब्ध रह गए जब उन्होंने झोपड़ी के बाहर महिला साधु का लहूलुहान शव देखा। सिर और पेट पर गहरे घाव इस ओर इशारा कर रहे थे कि यह एक सोची-समझी हत्या थी।

रेखा देवी पिछले पाँच वर्षों से एक बुजुर्ग साधु के साथ मंदिर के पास एक अस्थायी झोपड़ी में रह रही थीं। दोनों एक-दूसरे के सहारे, कबाड़ बीनकर और भीख मांगकर जीवन बिता रहे थे। साधना और निर्वासन का यह जीवन कब हिंसा में बदल जाएगा, किसी को अंदेशा न था।

खामोशी में छिपी एक खूनी रात

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जांच में पाया गया कि रेखा देवी के साथ रहने वाला साधु मौके से गायब है। पुलिस अधिकारियों को संदेह है कि उसी ने ही किसी निजी विवाद में उग्र होकर डंडे से प्रहार कर रेखा देवी की जान ले ली।

सीओ सिकंदराराऊ जेएस अस्थाना ने पुष्टि की कि “प्रारंभिक जांच और साक्ष्यों से संकेत मिलते हैं कि हत्या में उसी बुजुर्ग साधु का हाथ है। सिर पर डंडे से वार किया गया है, जिससे मौके पर ही रेखा देवी की मौत हो गई।”

कहानी एक झोपड़ी की: दो नाम, एक त्रासदी

जिस झोपड़ी में ये दोनों रहते थे, वहां न तो कोई पड़ोसी था और न कोई गवाह। न दिनचर्या पर नजर रखने वाला कोई था, न विवाद सुनने वाला। झगड़ा किस बात पर हुआ? किस क्षण हाथ डंडे तक पहुंचा? यह सब अब केवल अनुमान है। हकीकत सिर्फ यही है कि रेखा देवी अब नहीं रहीं — और उनका जीवन भी गुमनामी की तरह खामोश हो गया।

पोस्टमार्टम और दबिशें जारी

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं आरोपी की तलाश के लिए कई स्थानों पर दबिश दी जा रही है। आसपास के मंदिरों, आश्रमों और सार्वजनिक स्थानों की निगरानी तेज कर दी गई है।

श्रद्धा के स्थल पर हत्या: लोगों में भय और आक्रोश

भैरव मंदिर, जो एक शांत और आध्यात्मिक स्थल माना जाता रहा है, अब एक जघन्य हत्या का दृश्य बन चुका है। श्रद्धालु और स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है। कई लोगों ने इस क्षेत्र में सुरक्षा के अभाव और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

क्या साधु का क्रोध, एक हत्या की वजह बना?

रेखा देवी की हत्या समाज को झकझोरने वाली घटना है। वह बताती है कि उपेक्षित और अकेले रह रहे लोगों की दुनिया में भी झगड़े, तनाव और अंततः भयावह घटनाएं जन्म ले सकती हैं। प्रशासन के लिए यह सिर्फ एक केस नहीं, एक सामाजिक चेतावनी भी है।

अब पूरे क्षेत्र की निगाहें पुलिस पर टिकी हैं कि वह आरोपी को कितनी जल्दी गिरफ्तार कर रेखा देवी को न्याय दिला सकेगी।


Post a Comment

Previous Post Next Post