जबलपुर में तिरंगा यात्रा: विधायक रोहाणी ने रांझी क्षेत्र को देशभक्ति के रंग में रंगा

 स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जबलपुर के रांझी क्षेत्र ने देशभक्ति के अद्भुत जज़्बे का प्रदर्शन किया। केन्ट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक ईश्वरदास रोहाणी के नेतृत्व में सोमवार को एक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर देशप्रेम का संदेश दिया।

 यात्रा का मार्ग और मुख्य आकर्षण

सुबह 11 बजे बड़ा पत्थर चौराहे से प्रारंभ हुई यह यात्रा मस्ताना चौक होते हुए दर्शन सिंह तिराहा तक पहुंची। पूरे मार्ग में देशभक्ति के नारों से माहौल गूंज उठा।

  • यात्रा का मुख्य आकर्षण "ऑपरेशन सिंदूर" की झांकी रही, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।

  • झांकी के पीछे हजारों युवा, महिलाएं और जनप्रतिनिधि तिरंगा लहराते हुए आगे बढ़ते रहे।

  • ड्रम, ढोल और बैंड-बाजों की धुन ने वातावरण को उत्सव जैसा बना दिया।

 बड़ी भागीदारी

इस तिरंगा यात्रा में समाज के हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में देशभक्ति के गीत गाए, वहीं युवाओं ने नारों से माहौल को ऊर्जावान बना दिया।

यात्रा में विशेष रूप से उपस्थित रहे—

  • एम.आई.सी. सदस्य दामोदर सोनी

  • पार्षद निशांत झरियाअनुराग दहियागुड्डा केवटसंतोषी ठाकुर

  • वरिष्ठ जनप्रतिनिधि पुष्पराज सिंह सेंगरबाबा श्रीवास्तव

  • सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सावित्री शाहश्रीमती रीना ऋषि यादवगोविंद यादव

  • इसके अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकगण भी शामिल हुए।

 विधायक रोहाणी का संदेश

इस अवसर पर विधायक रोहाणी ने कहा—

“तिरंगा केवल हमारे राष्ट्र की पहचान नहीं, बल्कि हमारी अटूट एकता और बलिदान की गाथा का प्रतीक है। यह यात्रा स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।”

 माहौल और महत्व

  • पूरा रांझी क्षेत्र देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया।

  • तिरंगे झंडों और राष्ट्रगीतों ने आमजन को गहराई तक जोड़ दिया।

  • स्थानीय लोगों ने यात्रा को “लोकतांत्रिक शक्ति का प्रतीक” बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवा पीढ़ी को देश की असली ताकत का अहसास होता है।

 रांझी की यह तिरंगा यात्रा न केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम रही, बल्कि उसने पूरे क्षेत्र में राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का संदेश गहराई से पहुंचाया। यह यात्रा स्वतंत्रता दिवस के पहले शहर में देशप्रेम की लहर का सजीव प्रमाण बनी।


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