11 अगस्त को खितौला स्थित इसाफ स्माल फाइनेंस बैंक में हुई फिल्मी अंदाज की डकैती का रहस्य धीरे-धीरे खुल रहा है। पुलिस ने रहीस लोधी और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन डकैती का सबसे बड़ा हिस्सा – 14 किलो 875 ग्राम सोना – अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। इस चौंकाने वाली वारदात ने न केवल पुलिस की नींद उड़ाई है बल्कि पूरे महकमे के लिए यह प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है।
पुलिस की अब तक की कार्रवाई
पुलिस ने चार आरोपियों –
रहीस लोधी
सोनू वर्मन
हेमराज
विकास चक्रवर्ती
को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से सिर्फ़ ₹1,83,000 नगद, एक देशी कट्टा, चार जिंदा कारतूस, दो मोटरसाइकिलें, चार मोबाइल और कुछ अन्य सामान जब्त किए गए हैं।
लेकिन जांच में साफ़ हो गया है कि डकैतों की संख्या पांच से अधिक थी और असली मास्टरमाइंड तथा सोने की बड़ी खेप अब भी फरार है।
करोड़ों के सोने पर सस्पेंस
डकैतों ने बैंक से 14 किलो 875 ग्राम सोना उड़ाया था, जिसकी कीमत बाजार में कई करोड़ रुपये आंकी जा रही है। अब तक पुलिस सोना बरामद नहीं कर पाई है। यही वजह है कि पूरा प्रशासन दबाव में है।
पुलिस की रणनीति
पांच विशेष पुलिस टीमें फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
आसपास के जिलों और राज्यों में भी पुलिस अलर्ट कर दी गई है।
फरार बदमाशों के संभावित ठिकानों पर निगरानी रखी जा रही है।
बरामद मोबाइल और हथियारों से सुराग जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस का बयान
अधिकारियों का कहना है—
“गिरफ्तार किए गए आरोपी डकैती में शामिल जरूर थे, लेकिन उनके पास लूटा हुआ सोना नहीं मिला। जांच की दिशा साफ है, जल्द ही बाकी आरोपी और सोना दोनों बरामद किए जाएंगे।”
स्थानीय प्रतिक्रिया
इस डकैती ने पूरे जबलपुर और आसपास के ग्रामीण इलाकों को हिला दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि बैंक जैसी सुरक्षित जगह पर इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई। वहीं कई नागरिकों का कहना है कि अगर पुलिस जल्द सोना बरामद नहीं करती, तो यह जनता के भरोसे पर गहरी चोट होगी।
खितौला बैंक डकैती अब महज एक आपराधिक मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह पुलिस की कार्यकुशलता की कसौटी बन गया है। रहीस और उसके साथी भले ही पकड़े गए हों, लेकिन जब तक करोड़ों का सोना और बाकी डकैत पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते, तब तक यह कहानी अधूरी ही रहेगी।
