दीपिका के 8 घंटे काम विवाद के बीच अक्षय कुमार पर अभिषेक बच्चन का पुराना वीडियो वायरल

 


फिल्म इंडस्ट्री में काम के घंटे एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं. अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के हालिया बयान के बाद कि कई बड़े पुरुष सितारे केवल आठ घंटे काम करते हैं और कोई उनसे सवाल नहीं पूछता, सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो तेजी से वायरल हो गया है. इस वीडियो में अभिनेता अभिषेक बच्चन, अक्षय कुमार की कार्यशैली के बारे में मज़ेदार ढंग से बात करते नजर आ रहे हैं.

यह वीडियो द कपिल शर्मा शो के एक पुराने एपिसोड का है, जिसमें अभिषेक बच्चन और अक्षय कुमार साथ में पहुंचे थे. शो के दौरान अभिषेक ने हंसते हुए कहा, “पैक-अप होते ही सबसे ज़्यादा खुश इंसान होते हैं अक्षय कुमार. आठ घंटे से ज़्यादा काम नहीं करते ये. सुबह सात बजे सेट पर आते हैं और तुरंत मीटर चालू.” उन्होंने आगे मजाकिया अंदाज में जोड़ा, “आठ घंटे मतलब बीच शॉट में कपड़े उतरे, मेकअप निकाला और निकल गए घर.”

यह क्लिप अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खूब शेयर की जा रही है, खासकर तब जब दीपिका पादुकोण का बयान इंडस्ट्री में महिला कलाकारों के वर्क शेड्यूल को लेकर बहस का केंद्र बन गया है. दीपिका ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि कई पुरुष सुपरस्टार सालों से सिर्फ आठ घंटे काम कर रहे हैं, लेकिन इस पर कभी कोई चर्चा नहीं होती. उन्होंने कहा, “एक महिला होने के नाते अगर मैं अपने काम के घंटे सीमित रखने की बात करूं और किसी को यह बात ‘पुशीय’ लगती है, तो मुझे फर्क नहीं पड़ता. सच यह है कि हमारे इंडस्ट्री के कई बड़े पुरुष अभिनेता आठ घंटे से ज़्यादा काम नहीं करते, फिर भी इसे कभी मुद्दा नहीं बनाया गया.”

दीपिका ने आगे कहा कि वह किसी का नाम नहीं लेना चाहतीं, लेकिन यह बात सबको पता है कि कई शीर्ष अभिनेता सोमवार से शुक्रवार तक केवल आठ घंटे काम करते हैं और सप्ताहांत पर बिल्कुल नहीं. इस बयान के बाद इंडस्ट्री में बहस छिड़ गई कि क्या कलाकारों के काम के घंटे एक समान होने चाहिए, चाहे वे पुरुष हों या महिला.

इस बयान के संदर्भ में ही अभिषेक बच्चन का पुराना वीडियो फिर से सामने आ गया है. फैंस इसे दीपिका की बात से जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि अक्षय कुमार की समय-सीमा वाली कार्यशैली लंबे समय से जानी जाती है. अक्षय अपनी अनुशासित जीवनशैली और समय के प्रति सख्त रवैये के लिए मशहूर हैं. वे रोजाना सुबह जल्दी उठते हैं, शूटिंग जल्दी शुरू करते हैं और अक्सर शाम तक दिन का काम खत्म कर लेते हैं. उनके इस शेड्यूल को कई लोग “8 घंटे की परफेक्ट प्रोफेशनल रूटीन” भी कहते हैं.

दीपिका पादुकोण का यह बयान ऐसे समय पर आया जब ख़बरें थीं कि उन्होंने कुछ बड़ी फिल्मों से दूरी बना ली है क्योंकि निर्माता उनके आठ घंटे के वर्क शेड्यूल को मानने को तैयार नहीं थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीपिका को “स्पिरिट” और “कल्कि 2898 एडी” के सीक्वल में साइन नहीं किया गया क्योंकि उन्होंने काम के घंटे को लेकर स्पष्ट शर्तें रखी थीं. सूत्रों का कहना है कि दीपिका अब अपने मातृत्व और निजी जीवन को प्राथमिकता देना चाहती हैं और इसी कारण उन्होंने फिल्मों में लंबी शिफ्ट्स से परहेज करना शुरू किया है.

अभिषेक बच्चन का पुराना वीडियो लोगों के लिए इस पूरे विवाद में एक संदर्भ बिंदु बन गया है. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि जब पुरुष सितारे, जैसे अक्षय कुमार, सालों से आठ घंटे का शेड्यूल फॉलो कर रहे हैं, तब महिला कलाकारों से यह अपेक्षा क्यों की जाती है कि वे उससे अधिक काम करें. कुछ फैंस ने लिखा, “दीपिका बिल्कुल सही कह रही हैं. अगर अनुशासित रूप से काम करना गलत है तो फिर अक्षय कुमार की दिनचर्या को क्यों सराहा जाता है?” वहीं कुछ ने कहा कि अभिनय एक कठिन पेशा है, और हर अभिनेता को अपने हिसाब से संतुलन बनाने का अधिकार है.

वहीं, अक्षय कुमार के फैंस का कहना है कि उनकी कार्यशैली अनुशासन और फिटनेस का प्रतीक है. वे न केवल समय पर काम खत्म करते हैं, बल्कि अपनी टीम के सभी सदस्यों को भी समय का सम्मान करना सिखाते हैं. एक फैन ने लिखा, “अक्षय कुमार की यही प्रोफेशनलिज़्म उन्हें बाकी कलाकारों से अलग बनाती है. दीपिका का कहना सही है, लेकिन अक्षय का काम के प्रति अनुशासन भी प्रेरणा देता है.”

दीपिका के बयान पर पाकिस्तानी अभिनेत्री इक़रा अज़ीज़ ने भी समर्थन जताया है. उन्होंने कहा कि दीपिका जैसी सफल महिला कलाकार जब अपने अधिकारों की बात करती हैं, तो यह सभी नई अभिनेत्रियों के लिए उदाहरण बनता है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “एक मां और एक प्रोफेशनल के रूप में दीपिका का 8 घंटे का काम करने का निर्णय पूरी तरह वाजिब है. हर महिला को यह हक़ मिलना चाहिए कि वह अपने परिवार और करियर दोनों को संतुलित रख सके.”

फिल्म इंडस्ट्री में काम के घंटे और निजी जीवन के संतुलन को लेकर यह बहस कोई नई नहीं है, लेकिन दीपिका के बयान ने इसे फिर से मुख्यधारा में ला दिया है. कई निर्माताओं और कलाकारों ने अब यह स्वीकार करना शुरू किया है कि लंबे शेड्यूल्स और अनियमित कामकाज न केवल स्वास्थ्य बल्कि पारिवारिक जीवन को भी प्रभावित करते हैं.

अभिषेक बच्चन के पुराने वीडियो के साथ यह पूरा विवाद अब एक व्यापक विमर्श में बदल गया है — क्या फिल्म इंडस्ट्री में काम की समयसीमा तय होनी चाहिए? क्या महिला कलाकारों के लिए समान कार्य परिस्थितियाँ दी जानी चाहिए? और क्या अनुशासन और सीमित कार्य-घंटे किसी की प्रोफेशनलिज़्म पर सवाल उठाते हैं?

इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में शायद इंडस्ट्री की दिशा तय करेंगे. फिलहाल, दीपिका पादुकोण के बयान और अभिषेक बच्चन के मज़ाकिया वीडियो ने यह साबित कर दिया है कि काम के घंटे चाहे आठ हों या बारह, बॉलीवुड में समय और संतुलन पर चर्चा अभी खत्म नहीं हुई है.

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