भारत में 12 अक्टूबर 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व तेजी दर्ज की गई. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मुद्रास्फीति संबंधी नीतियां और चीन पर अमेरिकी प्रशासन द्वारा 100% अतिरिक्त टैरिफ के प्रभाव ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश के विकल्प की ओर आकर्षित किया है. इस कारण देश में सोने और चांदी की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई, जिससे स्थानीय बाजारों में कीमतों ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं.
आज 12 अक्टूबर को भारत में 24 कैरेट सोने का मूल्य 10 ग्राम के लिए ₹1,21,530 तक पहुंच गया है. वहीं, 22 कैरेट सोने का भाव ₹1,11,320 और 18 कैरेट सोना ₹93,810 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है. यदि एक ग्राम के हिसाब से देखें तो 24 कैरेट सोना ₹12,153, 22 कैरेट ₹11,132 और 18 कैरेट ₹9,381 में बिक रहा है. इस तेजी के चलते ज्वैलरी और Bullion मार्केट में खरीदारों और निवेशकों की भीड़ देखने को मिल रही है.
वैश्विक स्तर पर भी सोने की कीमतों में तेजी जारी है. COMEX पर सोने की कीमत 12 अक्टूबर को $4,000.4 प्रति औंस रही, जबकि हफ्ते के मध्य में यह $4,081 तक पहुंच गई थी. स्पॉट सोने की कीमत $4,018.30 प्रति औंस रही, जो रिकॉर्ड $4,059.34 तक भी पहुंची. इस साल अब तक सोने की कीमतों में लगभग 14% की वृद्धि हुई है, जो निवेशकों के लिए स्थिर और सुरक्षित निवेश का संकेत है. विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और डॉलर की कमजोरी के चलते सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है.
चांदी की बात करें तो इसमें भी इस साल ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला है. भारत में चांदी की कीमत 12 अक्टूबर को ₹1,46,890 प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जो पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में COMEX चांदी की कीमत $50.29 प्रति औंस रही, जबकि हफ्ते के दौरान यह $51 तक भी पहुंची थी. चांदी की कीमतों में इस साल अब तक लगभग 70% की वृद्धि दर्ज की गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक मांग, सुरक्षित निवेश के विकल्प और सट्टा खरीदारी ने चांदी की कीमतों को नई ऊंचाई तक पहुंचाया है.
विशेषज्ञ निवेशकों को इस समय सोने और चांदी में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं. सोने में निवेश करना सुरक्षित माना जा रहा है क्योंकि यह आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति से बचाव का सबसे भरोसेमंद विकल्प है. चांदी में भी लगातार बढ़ती कीमतें निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान कर रही हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और दीर्घकालिक निवेश की योजना के तहत इन धातुओं में निवेश करें.
स्थानीय बाजार की जानकारी लेना भी जरूरी है. निवेशक अपने नजदीकी ज्वैलर्स से संपर्क करके सोने और चांदी की वर्तमान कीमतों और उपलब्धता की पुष्टि करें. बाजार में तेजी और उतार-चढ़ाव दोनों ही देखने को मिल सकते हैं, इसलिए खरीदारी या निवेश के फैसले सोच-समझकर ही लें.
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में भारत में सोने की कीमत ₹13,000 प्रति ग्राम और चांदी ₹1.65 लाख प्रति किलो तक जा सकती है, यदि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां और अमेरिकी फेड की नीति स्थिर रहती हैं. हालांकि, निवेशकों को यह भी ध्यान रखना होगा कि सट्टा बाजार में बढ़ती गतिविधि के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव रह सकता है.
वैश्विक आर्थिक माहौल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति, डॉलर की चाल और चीन पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ — ये सभी कारक सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं. निवेशक फिलहाल अपने पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने और चांदी में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं.
देश में दीपावली, धनतेरस और शादी-ब्याह का मौसम आने वाला है. ऐसे समय में सोने और चांदी की मांग में और तेजी आने की संभावना है. ज्वैलर्स का कहना है कि यदि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां स्थिर रहती हैं, तो आने वाले हफ्तों में कीमतें और बढ़ सकती हैं.
विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि सोने और चांदी की इस तेज़ी को निवेशक दीर्घकालिक अवसर के रूप में देखें. बाजार की मौजूदा स्थिति बताती है कि सोना और चांदी सिर्फ निवेश के लिए नहीं, बल्कि आर्थिक अनिश्चितता से बचाव का भी सबसे भरोसेमंद साधन बने हुए हैं.
इस प्रकार, भारत में 12 अक्टूबर 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल देखा गया है, जो निवेशकों, ज्वैलर्स और उद्योग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है. वर्तमान परिस्थितियों में सोने और चांदी की खरीदारी या निवेश करते समय सतर्कता और लंबी अवधि की योजना बनाना जरूरी है.
