जबलपुर. एमपी के छिंदवाड़ा-बैतूल में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 25 बच्चों की मौत के बाद जबलपुर में बड़ी कार्रवाई की जा रही है. इस सिरप सहित अन्य दवाओं का स्टॉक रखने वाले कटारिया फार्मास्युटिकल के ऑफिस-गोदाम में आज की जांच की गई.
खबर है कि कटारिया फार्मास्युटिकल ने गोदाम में दवाओं का स्टॉक रखने की प्रशासनिक अनुमति नहीं ली. दोनों को सील कर नोटिस दिया है. फर्म से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के 26 सैंपल जांच के लिए भेजे थे, जिनमें डाईएथिलीन ग्लायकॉल पाया गया है. इसके बाद दस्तावेजों की लगातार जांच की जा रही है. बीते दिन दुकान और गोदाम के निरीक्षण के दौरान फर्म संचालक ने दुकान का लाइसेंस सहित अन्य दस्तावेज खाद्य और औषधि विभाग की निरीक्षण टीम के सामने पेश किए थे, लेकिन वे गोदाम से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए. जबकि गोदाम में ही बड़ी मात्रा में दवाओं का स्टॉक रखा था. आज भी उनसे रिकॉर्ड मांगा गया, लेकिन फर्म संचालक सेल-परचेज का भी पूरा रिकॉर्ड भी नहीं दे पाए.
ये गंभीर अनियमितता मानी जा रही है. विभाग ने दवाओं का कस्टडी ऑर्डर लेकर जांच की अनुमति ले ली है. औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत यह जांच की जा रही है. विभाग ने स्टॉकिस्ट से यह भी पूछा है कि उन्होंने ऐसी दवा क्यों बेची जो स्टैंडर्ड क्वालिटी की नहीं थी और जिससे कई बच्चों की जान चली गई. कटारिया फार्मास्युटिकल का ऑफिस नौदरा ब्रिज के पास बताया गया है. यहां दिनभर कार्रवाई चली. विभाग ने फर्म को नोटिस जारी कर एक दिन में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. पूरा मामला अब कोर्ट में पेश किया जाएगा. अनदेखी और लापरवाही का आलम ये था कि गोदाम में दवाओं का स्टॉक तो किया गया लेकिन वहां रेफ्रिजरेटर तक नहीं था, जबकि रेफ्रिजरेटर रखना अनिवार्य है. कई दवाएं ऐसी होती हैंए जिन्हें तय तापमान में ही रखना पड़ता है. कम या ज्यादा तापमान में ऐसी दवाओं के खराब होने का खतरा रहता है.
कोल्ड्रिफ सिरप का इकलौता डीलर-
महाकौशल क्षेत्र में कोल्ड्रिफ कफ सिरप का एक ही डीलर है. यहीं से क्षेत्र के मेडिकल स्टोर संचालक दवाएं लेकर जाते हैं. इससे मामला और संदिग्ध हो गया है. विभाग अब पूरे नेटवर्क की जांच में जुटा है ताकि इस लापरवाही की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके.
जबलपुर से भेजे सैंपलों में भी दूषित केमिकल की पुष्टि-
गौरतलब है कि तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाए गए कोल्ड्रिफ कफ सिरप से अब तक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है. छिंदवाड़ा के बाद जबलपुर से भेजे गए सैंपलों में भी दूषित केमिकल की पुष्टि हुई हैए जो मौतों की मुख्य वजह मानी जा रही है.
