मध्य प्रदेश में मानसून की आधिकारिक आमद हो चुकी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब 50 जिले तरबतर हो चुके हैं, तो भिंड अब तक क्यों सूखा है? क्या यह भूगोल की भूमिका है या फिर मानसूनी पूर्वानुमानों में कोई चूक?
वहीं दूसरी ओर, मौसम विभाग ने धार, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर और नीमच में भारी बारिश की चेतावनी दी है। आशंका है कि पश्चिमी भारत से गुजर रही चार प्रमुख मौसमी प्रणालियाँ – जिनमें लो प्रेशर और ट्रफ लाइनें शामिल हैं – इन इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थितियाँ ला सकती हैं।
खास बात यह है कि मौसम वैज्ञानिक पहले ही इन सिस्टम्स की संभावना जता चुके थे, लेकिन क्या इन जिलों के आपदा प्रबंधन तंत्र तैयार हैं? आने वाले दिन प्रशासनिक सतर्कता की परीक्षा भी लाएंगे।
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